privatisation of post office

क्या होगा पोस्ट ऑफिस का भविष्य ? क्या डाक विभाग का निजीकरण होने वाला है ?

यह विषय बहुत चर्चा में चल रहा है कि क्या डाक विभाग का निजीकरण होने वाला है? क्या होगा पोस्ट ऑफिस का भविष्य ? क्या होगा पोस्ट ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों का भविष्य? इस ब्लॉग में आपको इन सभी सवालो के जवाब मिलेंगे|

एक लखनऊ डिविजन का eTender Notice आया था जिसने सबके मन में डर पैदा किया है कि क्या डाक विभाग प्राइवेट हो जाएगा| यह निविदा स्पीड पोस्ट/पंजीकृत/पार्सल लेखों के वितरण, मेल कार्य की छंटाई, लेखों की फेसिंग/बैगों को बंद करने और डाकघर में मेल के प्रसंस्करण से संबंधित अन्य विविध कार्यों के संचालन की आउटसोर्सिंग के लिए कुशल और अकुशल जनशक्ति प्रदान करने के लिए आमंत्रित करती है।

इसका अर्थ है कि विभाग के ग्रामीण डाक सेवक (GDS) अथवा अन्य कर्मचारियों को हटा कर आउटसोर्स किया जाये | हालांकि लखनऊ डिवीज़न के कर्मचारियों से बात करने पर पता चला कि अभी तक ऐसा कुछ शुरू नहीं हुआ है | ई-निविदा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 07.02.2025 है।

डाक विभाग का निजीकरण
tender for outsourcing of manpower

सरकार ने स्पष्ट किया कि डाकघरों के निगमीकरण या निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं है। इसके विपरीत, सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल बैंकिंग और सरकारी सेवाओं की डिलीवरी के लिए डाक नेटवर्क का उपयोग किया है।

डाक विभाग

डाक विभाग, जिसे सामान्यतः भारतीय डाक के नाम से जाना जाता है, देश के सबसे पुराने और भरोसेमंद संस्थानों में से एक है। यह न केवल पत्र और पार्सल की डिलीवरी के लिए जिम्मेदार है, बल्कि कई अन्य महत्वपूर्ण सेवाएँ भी प्रदान करता है।डाक विभाग ने समय के साथ अपनी सेवाओं का विस्तार किया है और इसे अधिक प्रासंगिक बनाया है। यह न केवल पत्र और पार्सल की डिलीवरी तक सीमित है, बल्कि लोगों के जीवन को आसान और सुविधाजनक बनाने के लिए कई सेवाएँ प्रदान कर रहा है।

ई निविदा सूचना (eTender Notice) – सच या झूठ

अभी आपको इस ई टेंडर नोटिस पर विश्वास करने की आवश्यकता नहीं है | यह टेंडर केवल डाक से संबंधित है | यह नोटिस केवल डाक वितरण के कार्य को सुचारू बनाने के लिए जारी किया गया है। समय के साथ साथ काम भी बढ़ता है | काम को सुचारु रूप से चलाने के लिए डाक प्रसंस्करण में कटौती करने के लिए स्वतंत्र वितरण केंद्र (IDC) खोले जा रहे हैं |

निष्कर्ष (Conclusion) – डाक विभाग का निजीकरण

दूसरे शब्दों में कहा जाए तो डाक के साथ साथ पोस्ट ऑफिस दूसरी सेवाओं से भी जुड़ा हुआ है | पोस्ट ऑफिस बचत खाता और बैंकिंग सेवाएँ, बीमा सेवाएँ, मनी ऑर्डर और रेमिटेंस सेवाएँ, खुदरा सेवाएँ (CSC), आदि कई सेवाएं प्रदान करता है | अतः अभी डाक विभाग का निजीकरण होना मुमकिन नहीं है | आपको इसकी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है | यदि आप ग्रामीण डाक सेवक (GDS) है तो आप प्रमोशन की तैयारी करे|

यदि आपके पास कोई प्रश्न है, तो कृपया संकोच न करें। टिप्पणी करें। हमारी टीम 24 घंटे के भीतर आपको जवाब देगी।

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